
भजन - Bhajan 96
प्रशंसा और समर्पण परमेश्वर को।
प्रार्थना संहिता 96 प्रेरित करती है कि सभी राष्ट्रों और जातियों के लोग एक "नया गाना" गाएं और परमेश्वर की महिमा और महानता की प्रशंसा करें। यह जोर देता है कि प्रभु ही सच्चे ईश्वर और ब्रह्मांड के निर्माता हैं जो सभी पर शासन करते हैं। यह अध्याय सभी सृष्टि को आनंद, सम्मान, और श्रद्धापूर्वक उसकी पूजा करने के लिए आह्वान करता है।
1यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ,
2यहोवा के लिये गाओ, उसके नाम को धन्य कहो;
3अन्यजातियों में उसकी महिमा का,
4क्योंकि यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है;
5क्योंकि देश-देश के सब देवता तो मूरतें ही हैं;
6उसके चारों ओर वैभव और ऐश्वर्य है;
7हे देश-देश के कुल के लोगों, यहोवा का गुणानुवाद करो,
8यहोवा के नाम की ऐसी महिमा करो जो उसके योग्य है;
9पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो;
10जाति-जाति में कहो, “यहोवा राजा हुआ है!
11आकाश आनन्द करे, और पृथ्वी मगन हो;
12मैदान और जो कुछ उसमें है, वह प्रफुल्लित हो;
13यह यहोवा के सामने हो, क्योंकि वह आनेवाला है।