
भजन - Bhajan 87
भगवान का शहर
प्रसंग: प्रार्थना गान 87 भगवान के शहर, यरूशलेम, की काव्यात्मक सेलिब्रेशन है। प्रार्थक बताते हैं कि भगवान अन्य सभी शहरों और राष्ट्रों से यरूशलेम को पसंद करता है, और उन जातियों की सूची भी देते हैं जिनका इस पवित्र स्थान से विशेष संबंध है। प्रार्थना समाप्त होती है एक विजयी घोषणा के साथ कि जो भी यरूशलेम में जन्मित होते हैं, वे धन्य हैं और भगवान के होते हैं।
1उसकी नींव पवित्र पर्वतों में है;
2और यहोवा सिय्योन के फाटकों से याकूब के सारे निवासों से बढ़कर प्रीति रखता है।
3हे परमेश्वर के नगर,
4मैं अपने जान-पहचानवालों से रहब और बाबेल की भी चर्चा करूँगा;

5और सिय्योन के विषय में यह कहा जाएगा,
6यहोवा जब देश-देश के लोगों के नाम लिखकर गिन लेगा, तब यह कहेगा,
7गवैये और नृतक दोनों कहेंगे,