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क्योंकि जो मुझे पाता है, वह जीवन को पाता है,
क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो मेरी सुनता,
परन्तु जो मुझे ढूँढ़ने में विफल होता है, वह अपने ही पर उपद्रव करता है;