उपद्रवि (Upadravi) 23:5

तीन वार्षिक त्योहार

उपद्रवि (Upadravi) 23:5

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फिर यदि तू अपने बैरी के गदहे को बोझ के मारे दबा हुआ देखे, तो चाहे उसको उसके स्वामी के लिये छुड़ाने के लिये तेरा मन न चाहे, तो भी अवश्य स्वामी का साथ देकर उसे छुड़ा लेना।