उपद्रवि (Upadravi) 10:5

आठवाँ और नौवाँ तालज़: जीव-अंधकार

उपद्रवि (Upadravi) 10:5

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और वे धरती को ऐसा छा लेंगी कि वह देख न पड़ेगी; और तुम्हारा जो कुछ ओलों से बच रहा है उसको वे चट कर जाएँगी, और तुम्हारे जितने वृक्ष मैदान में लगे हैं उनको भी वे चट कर जाएँगी,