2 इतिहास 12:4
मिस्र का आक्रमण और पश्चाताप
आसन्न आयतें
पिछली आयत
2 इतिहास 12:3
बारह सौ रथ और साठ हजार सवार लिये हुए यरूशलेम पर चढ़ाई की, और जो लोग उसके संग मिस्र से आए, अर्थात् लूबी, सुक्किय्यी, कूशी, ये अनगिनत थे।
अगली आयत
2 इतिहास 12:5
तब शमायाह नबी रहबाम और यहूदा के हाकिमों के पास जो शीशक के डर के मारे यरूशलेम में इकट्ठे हुए थे, आकर कहने लगा, “यहोवा यह कहता है, कि तुमने मुझको छोड़ दिया है, इसलिए मैंने तुमको छोड़कर शीशक के हाथ में कर दिया है।”